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PAYASWINI CALF CARE
पयस्विनी काफ केयर


3 माह की उम्र से पहले बछड़ा / बछड़ी का यूमेन (पशु का पेट) बड़े पशु की तरह पूर्ण रूप से कार्य नहीं कर पाता है जिससे उनमें विटामिन ए (A), डी3 (D3), ई (E), बी कॉमप्लैक्स (B Complex), विटामिन सी (C), विटामिन के (K), विटामिन एच (H), (बायोटिन) का निर्माण नहीं हो पाता है। इसलिए जन्म से तीन माह तक बछड़ा / बछड़ी को विटामिन ए (A), डी3 (D3), एवं ई (E) के साथ-साथ अन्य विटामिनों (विटामिन बी (B), सी (C), के (K) एवं एच (H) की आवश्यकता भी होती है। इसके साथ सभी ट्रेस मिनरल व मेजर मिनरल भी जरूरी होते हैं।

लाभ :

  • बछड़ा / बछड़ी की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
  • बछड़ा / बछड़ी के वजन को तेजी से बढ़ाता है
  • बछड़ा / बछड़ी के पेट को ठीक रखता है
  • बछड़ा / बछड़ी की मृत्यु दर को कम करता है
  • बछड़ा / बछड़ी को बार-बार होने वाले रोगों से बचाता है
  • खिलाने की मात्रा :
  • बछड़ा / बछड़ी 10 से 25 ग्राम प्रतिदिन जन्म से लेकर 3 माह तक

पैक साईज :

1 कि.ग्रा. और 5 कि.ग्रा. आवश्यकतानुसा

PAYASWINI FERT BOON
पयस्विनी फर्ट बून

 

दूध उत्पादन करने वाले पशुओं में बांझपन एक सबसे बड़ी समस्या है जो कि किसी भी डेयरी फॉर्म की सफलता को प्रभावित कर सकती है। बांझपन के मुख्य कारणों में पशु को सूक्ष्म पोषक तत्वों का पूरी मात्रा में उपलब्ध ना हो पाना है।

घटती हुई हरे चारे की उपलब्धता एवं जमीन की तेजी से गिरती हुई पोषक तत्वों की मात्रा बांझपन को बढ़ाने में सहायता करती है।

पयस्विनी फर्ट बून सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित करके बांझपन की समस्या को खत्म करने का प्रभावी उपाय है।

लाभ :

  • पशुओं को समय पर हीट में लाता है
  • रिपीट / फिरने की समस्या को ठीक करने में सहायता करता है
  • प्रत्येक वर्ष में बछड़ा / बछड़ी प्राप्त करने के कार्यक्रमों की सफलता सुनिश्चित करने में सहायता करता है
  • प्रजनन करने वाले सांडों के प्रदर्शन को तेजी से बढ़ाता है
  • दूध को पीला करने में सहायता करता है

खिलाने की मात्रा :

हीट में लाने के लिए-100 ग्राम प्रतिदिन 10 से 20 दिन

रिपीट/फिरने की समस्या के लिए-100 ग्राम प्रतिदिन 10 दिनों के लिए एआई (सीमन डालने) से पहले एवं 10-20 दिन AI (सीमन डालने के बाद)

पैक साईज : 1 कि.ग्रा और आवश्यकतानुसा

PAYASWINI MAVERICK BOON
पयस्विनी मैवरिक बून


3 माह से बड़े बछड़ा / बछड़ी की उत्तम रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं तेजी से वजन बढ़ाने के लिए

लाभ :

  • पयस्विनी मैवरिक बून में विटामिन, मेजर मिनरल्स, माइक्रो मिनरल्स, अमीनो एसिड व रूमेन मॉड्यूलेटर्स का संयोजन किया गया है।
  • ये बछड़े-बछड़ियों की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाकर उनके संपूर्ण विकास में सहायता करता है।
  • ये पोषक आहार बछड़े बछड़ियों का वजन तेजी से बढ़ाने में सहायक होता है।
  • पशुओं के पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर उनकी पाचन क्षमता बढ़ाता है।
  • पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
  • पशुओं को तनाव मुक्त रखने में सहायता करता है।
  • ये पोषक आहार पशुओं की चमड़ी की रक्षा करने और उसे चमकदार बनाए रखने में मदद करता है।

खिलाने की मात्रा :

60-200 ग्राम रोजाना उम्र के अनुसार और चिकित्सक के परामर्श अनुसार

पैक साईज :

1 कि.ग्रा., 5 कि.ग्रा. एवं 20 कि.ग्रा. आवश्यकतानुसा

PAYASWINI MIN BOON
पयस्विनी बून

 

लाभः

  • दूध की मात्रा उच्च स्तर पर बनी रहती है
  • सामान्य स्वास्थ्य व प्रजनन बनाए रखने में सहायता होती है
  • इस पूरक आहार की नियमित खुराक में विटामिन ई व सेलेनियम होते है जो थनैला रोग से पशु का बचाव करते है
  • सामान्य शारीरिक गतिविधियों में सहायता करने में मदद होती है
  • चयापचय (मेटाबोलिक) गड़बड़ियों को कम करता है
  • खिलाने की मात्रा :

5 ग्राम प्रति ली. दूध पर प्रतिदिन / कम से कम 50 ग्राम

ब्याने के 21 दिन बाद शुरू करके अगली बार पशु के ब्याने के 25 दिन पहले तक और चिकित्सक के परामर्श अनुसार

पैक साईज :

1 कि.ग्रा., 5 कि.ग्रा. एवं 20 कि.ग्रा. आवश्यकतानुसा

PAYASWINI CP+ BOON
पयस्विनी सीपी + बून

 

कैल्शियम ऊतकों व शारीरिक प्रक्रियाओं की ढेर सारी किस्मों की सामान्य गतिविधियों के लिए अत्यन्त आवश्यक है। फॉस्फोरस पशु के स्वस्थ प्रजनन तंत्र के लिए अत्यन्त आवश्यक है। पशु को कोलोस्ट्रम (खीस) उत्पादन और अधिकतम दूध के लिए हड्डियों से कैल्शियम एवं फॉसफोरस की महत्वपूर्ण मात्रा लेने की आवश्यकता होती है। बछड़ा / बछड़ी देने के तत्काल बाद हर दिन पशु के शरीर से दूध में निकलने वाले खनिज (कैल्शियम व फॉस्फोरस) आयातित करने के बदले पशु को कैल्शियम और फॉसफोरस समृद्ध पूरक आहार देना चाहिए।

लाभ

  • उच्च स्तर पर दूध का उत्पादन और हड्डियों की वृद्धि बनाये रखे
  • खुराक खाने (दाने एवं चारे के उठाने) में सुधार लाए
  • ब्याने के बाद गर्भाशय का शीघ्र सामान्य आकार में ले जाने में सहायक
  • चपापचय (मैटाबोलिक) गड़बड़ियां कम करे एवं प्रजनन तंत्र को स्वस्थ रखे

खिलाने की मात्रा :

  • 100 ग्राम प्रतिदिन
  • ब्याने के दिन से शुरूआत करके दूध छोड़ने के 8-10 दिन पूर्व तक प्रतिदिन

पैक साईज :

1 कि.ग्रा., 5 कि.ग्रा. एवं 20 कि.ग्रा. आवश्यकतानुसा

PAYASWINI SCURE BOON
पयस्विनी सिक्योर बून

 

ऑगेनिक मिनरल्स, विटामिन आदि का सर्वोत्तम मिश्रण एवं पशुओं को गम्भीर रोगों के समय रोग प्रतिरोधक क्षमता को तेजी से बढ़ाने का स्रोत ।

पयस्विनी सिक्योर बून दूध उत्पादन करने वाले पशओं के रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत करने का सबसे आसान एवं प्रभावी उत्पाद है।

लाभः

  • पशुओं में बैक्टेरियल, वायरल एवं प्रोटोजोआ से होने वाली बीमारियों में रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत करने में सहायता करता है। जिससे पशु की रिकवरी तेजी से होती है।
  • किसी भी प्रकार के तनाव से दूध में होने वाले नुकसान को कम करता है।
  • पशुओं के पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
  • पशुओं में तेजी से हीमोग्लोबिन, आरबीसी एवं प्लेटलेट्स के स्तर को बढ़ाता है।

खिलाने की मात्रा :

100 से 200 ग्राम रोजाना 5 से 10 दिन और चिकित्सक के परामर्श अनुसार

पैक साईज : 1 कि.ग्रा

PAYASWINI MASTI BOON
पयस्विनी मैस्टी बून

 

थनैला रोग की रोकथाम एवं रोग से संक्रमित पशु की जल्दी रिकवरी के लिए

दूध उत्पादन करने वाले पशुओं में थनैला एक गम्भीर बीमारी है इस बीमारी से ना केवल दूध का उत्पादन कम होता है बल्कि कई बार थन ही पूरे तरीके से खराब हो जाता है।

पयस्विनी मैस्टी बून थनैला की रोकथाम और थनैला होने पर पशु को शीघ्र ठीक करके एवं दूध पर पुनः लाने में सहायक है।

लाभः

  • थनों के रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत करता है।
  • इलाज की सफलता को सुनिश्चित करता है।
  • तेजी से दूध उत्पादन में सहायता करता है।
  • खिलाने की मात्रा : 200 से 400 ग्राम रोजाना 3 से 5 दिन

पैक साईज: 1 कि.ग्रा

PAYASWINI UDDER BOON
पयस्विनी अडर बून

ब्याने से पूर्व कैल्शियम का पशु के शरीर मे टर्नओवर /अवशोषण बढाने का फॉर्मूला

ब्याने से पूर्व पशु की खुराक काफी कम हो जाती है जिससे ब्याने के बाद उसके शरीर मे जरूरी पोषक तत्वों की कमी देखी जाती है। ब्याने के तुरन्त बाद कोलोस्ट्रम (खीस) मे पोषक तत्वों के अधिक मात्रा मे निकल जाने से इनका स्तर पशु के शरीर मे बहुत कम होता जाता है। ब्याने के समय पशु के खून में कैल्शियम की मात्रा कम होती है एवं कोर्टिसोल की मात्रा बढ़ती है जिससे ब्याने के समय बीमारी से लड़ने की ताकत तेजी से कम हो जाती है। ब्याने के पहले खून में कैल्शियम की कमी होने का असर गर्भाशय का समय पर सही आकार में न आना एवं जैर (Placenta) के समय पर बाहर न निकलने के रुप में दिखाई पड़ता है। इसी वजह से पशुओं में मिल्क फीवर (दूध का बुखार) भी देखा जाता है।

लाभ :

  • थनों के आकार एवं स्वास्थ्य को अच्छा रखता है
  • जैर (Placenta) को समय पर बाहर निकालता है
  • पशु मे गर्भाशय का प्रोलैप्स (फूल निकलना/आर) से बचाव करता है
  • चयापचय (मेटाबोलिक) गड़बड़ियाँ (मिल्क फीवर) को रोकता है
  • ब्याने से पहले कैल्शियम एवं फॉसफोरस का संतुलन खून में बनाए रखता है
  • व्याने के समय कोलोस्ट्रम (खीस) में निकलने वाले कैल्शियम की अधिक मात्रा को खून व हड्डियों में उपलब्ध कैल्शियम के स्तर के माध्यम से संतुलित करता है
  • ब्याने के समय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है जिससे पशु मे थनैला व गर्भाशय की बीमारियाँ कम होती है
  • ब्याने के बाद पशु की खुराक तेजी से बढाता है
  • खिलाने की मात्रा :

200 ग्राम प्रतिदिन ब्याने के 10 से 25 दिन पहले से शुरू करके व्याने के 1 दिन पहले तक नोट : पशु के ब्याने के बाद एक भी खुराक नहीं देनी है।

पैक साईज :

1 कि.ग्रा. एवं 2.5 कि.ग्रा

PAYASWINI CP BOON
पयस्विनी सी.पी. बून

 

पशुओं के दूध उत्पादन के लिए उत्तम समाधान जिसको खिलाने से आपका पशु ज्यादा दूध देता है जिससे आपके मुनाफे में वृद्धि होती है। डेयरी फार्म के लिए एक भरोसेमंद उपाय जिसके अंदर कैल्शियम, फॉसफोरस, विटामिन डी-3 एवं ऊर्जा उचित स्रोत से उपलब्ध है। तरल कैल्शियम से 5 गुना ज्यादा कैल्शियम फॉसफोरस, 2.5 गुना ज्यादा विटामिन डी-3 एवं हानिकारक ऊर्जा रहित स्त्रोत

लाभः

  • दूध को बढ़ाता है।
  • दूध की क्वालटी को सुधार कर बढ़त को बरकरार रहता है।
  • स्वास्थ्य उत्तम रहता है।
  • रूमेन पी.एच. को सही रखता है।
  • खिलाने की मात्रा:

पैक साईज :

10 ग्राम प्रति लीटर दूध पर प्रतिदिन

1 कि.ग्रा., 5 कि.ग्रा

 

PAYASWINI RUMI BOON
पयस्विनी रूमी बून


पशुपालकों के बाड़ो में कई बार देखा गया है कि पशु पतला एवं बदबुदार गोबर करता है तथा गोबर के अन्दर दाना एवं चारे का निकलना भी देखा गया है जिसके कारण पशु फैट एवं दूध के उच्च स्तर तक नहीं पहुंच पाता है। इन समस्याओं के समाधान के लिए पयस्विनी रूमी बून उत्तम उपाय है।

लाभः

  • यह पशु के फैट में से 0.5-1% तक की वृद्धि करता है।
  • गोबर की क्वालिटी को सुधारता है।
  • पशु के दाना एवं चारे की गोबर के साथ बाहर निकलने की समस्या को कम करने में मदद करता है।

खिलाने की मात्रा :

100-200 ग्राम प्रतिदिन

पैक साईज : 1 कि.ग्रा., 5 कि.ग्रा

PAYASWINI MILK FLOW GRANULES
पयस्विनी मिल्क फ्लो ग्रेनुल्स

पशुओं के दूध में अचानक आई गिरावट को रोकने का शक्तिशाली उपाय

लाभः

  • इसके प्रयोग से पशु अपने दूध की पीक पर शीघ्र पहुंचता है एवं लम्बे समय तक बना रहता है।
  • पशु के दूध में अचानक आई गिरावट को पुनः उच्चतम स्तर तक ले जाने में सहायक
  • कीटोसिस की समस्या को जल्द से जल्द ठीक करने में सहायक है।
  • खिलाने की मात्रा :
  • 250 ग्राम प्रतिदिन (4 दिन के लिए)

पैक साईज :

1 कि.ग्रा., 5 कि.ग्रा

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P, No.18 Dadu Marg, Haryana Colony, jaipur
email.ssplimited@gmail.com
+919910554075

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